महाराष्ट्र: औरंगजेब का पुतला जलाने के बाद भड़की हिंसा, दोषी कौन ?

महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार रात औरंगजेब कब्र विवाद पर अचानक हिंसा भड़क गई. इस दौरान उपद्रवियों ने पथराव और आगजनी की. कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की. इतना ही नहीं डीसीपी पर भी कुल्हाड़ी से हमला कर उन्हें घायल कर दिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में कई लोगों को हिरासत में लिया गया. पुलिस अन्य आरोपियों की पहचान करने में भी जुटी है. 
हिंसा के दौरान की तस्वीर | फोटो: ANI
मुस्लिम बहुल इलाकों में सुरक्षा बढ़ाई
हिंसा के बाद नागपुर शहर के गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर में कर्फ्यू लगाया गया है. 
राजधानी मुंबई में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. मालवणी, भिंडी बाजार, कुर्ला, शिवाजी नगर-मानखुर्द और अंटॉपहिल जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में स्थानीय पुलिस को सतर्क कर दिया गया. पुलिस ने भी अलग-अलग इलाकों के सभी धर्मों के प्रमुख लोगों से संपर्क कर अफवाह पर विश्वास न करने की अपील की है.

हिंसा वाले दिन क्या हुआ ?
औरंगजेब कब्र विवाद के चलते सोमवार को महाराष्ट्र में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान नागपुर में विश्व हिंदू परिषद ने औरंगजेब का पुतला फूंका. इसमें कथित रूप से धार्मिक सामग्री का भी इस्तेमाल किया गया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. जिसके बाद सोमवार रात करीब 8 बजे नागपुर के महाल इलाके में हिंसा भड़क गई. इस दौरान पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ शुरू हो गई. उपद्रवियों ने डीसीपी निकेतन कदम पर भी हमला कर उन्हें घायल कर दिया. जिसके बाद पुलिस ने हिंसक भीड़ पर काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. इसी दौरान पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया और हालात को काबू किया. 

इलाके में अगले आदेश तक कर्फ्यू
पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने बताया कि शहर के कोतवाली, गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है. यह कर्फ्यू अगले आदेश तक लागू रहेगा.


महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने देर रात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के साथ बैठक की और उन्हें घटना पर रिपोर्ट सौंपने को कहा.

वहीं, पुलिस ने छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र पर सुरक्षा बढ़ा दी है.

औरंगजेब के कब्र पर विवाद कैसे बढ़ी
महाराष्ट्र विधानसभा में सपा नेता और विधायक अबू आजमी की औरंगजेब की तारीफ की थी. जिसके बाद उन्हें पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा के अंदर उनके बयान की निंदा की. वहीं, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि आजमी पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी यूपी विधानसभा में बजट सत्र के दौरान आजमी के बयान की आलोचना की. उन्होंने कहा कि भारत की आस्था को रौंदने वाले का महिमामंडन करने वाले सदस्य को सपा से बाहर निकाल देना चाहिए. उसे (अबू आजमी को) यहां बुलाइए. यूपी ऐसे लोगों का उपचार करने में देर नहीं करता.
इन विवादों के बीच कुछ हिंदू संगठनों ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग कर दी. वहीं, छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सातारा से भाजपा सांसद उदयनराजे भोंसले ने भी औरंगजेब की कब्र को ढहाने की मांग की. उन्होंने कहा कि एक जेसीबी मशीन भेजकर उसकी कब्र को गिरा दो, वह एक चोर और लुटेरा था. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मांग का समर्थन किया.
औरंगजेब कब्र विवाद के बीच के कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने कहा कि कब्र तोड़ना तालिबान का काम है. भारत की संस्कृति मुर्दों से लड़ने की नहीं है.
कब्र विवाद को लेकर शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने भाजपा नेताओं पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि औरंगजेब की कब्र मराठाओं के शौर्य का एक स्मारक है. यह आने वाले पीढ़ी को बताएगा कि किस तरह शिवाजी महाराज और मराठा सैनिक आक्रांताओं से लड़ते रहे.
बजरंग दल के नेता नितिन महाजन ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ऐसा नहीं होता है तो इसका भी बाबरी मस्जिद जैसा ही हश्र होगा. इसके बाद बजरंग दल और VHP ने 17 मार्च को पूरे महाराष्ट्र में प्रदर्शन करने की घोषणा की. विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय मंत्री गोविंद शेंडे ने कहा कि हम जिला कलेक्टरों को ज्ञापन देने के साथ ही औरंगजेब का पुतला जलाएंगे. इसके बाद छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई.  महाराष्ट्र में कई जगह सोमवार को बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने प्रदर्शन किया. ऐसे ही एक प्रदर्शन नागपुर में की गई, जहां हिंसा भड़क गई.

1707 में बनी थी औरंगजेब की कब्र
औरंगजेब की कब्र 1707 में बनाई गई थी. औरंगजेब की मृत्यु 3 मार्च 1707 को हुई थी और उनकी इच्छानुसार उन्हें औरंगाबाद के खुलदाबाद में दफनाया गया था. उनकी कब्र उनके बेटे आजम शाह ने बनवाई थी. औरंगजेब की कब्र साधारण मिट्टी की बनी हुई थी, जिसमें बाद में ब्रिटिश वायसरॉय कर्जन ने संगमरमर लगवाया था. इस स्थान को ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां लोग आज भी श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं.

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