3 अप्रैल 2025 को, भारतीय संसद के निचले सदन, लोक सभा, ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 पारित किया. यह विधेयक मुस्लिम वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण बदलाव लाने का प्रस्ताव करता है, जिसमें गैर-मुस्लिम सदस्यों को वक्फ बोर्डों में शामिल करना और सरकार को संपत्ति स्वामित्व के विवादों में अधिक अधिकार देना शामिल है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के मुताबिक, यह संशोधन वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए आवश्यक हैं. उनका दावा है कि इससे भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन की समस्याओं का समाधान होगा और वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित होगा.कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे मुस्लिम समुदाय को हाशिए पर डालने का प्रयास बताया और कहा कि यह संविधान पर हमला है. मुस्लिम संगठनों ने भी इसे धार्मिक मामलों में सरकारी हस्तक्षेप के रूप में देखा है और आशंका जताई है कि इससे उनके धार्मिक स्थलों और संपत्तियों पर खतरा मंडरा सकता है.
लगभग 12 घंटे की बहस के बाद, लोक सभा में इस विधेयक को 288 मतों के समर्थन और 232 मतों के विरोध के साथ पारित किया गया. अब इसे राज्य सभा में पेश किया गया है, जहां इसे कानून बनने के लिए बहुमत से पारित होना होगा.